Publisher's Synopsis
सुनहरी और सुहाना, दो जुड़वाँ बहनें, जिनका बचपन बेहद भयानक रहा है, दर्द और धोखे के भँवर में फँस जाती हैं, जब बॉलीवुड की मशहूर आइटम गर्ल सुनहरी पर उसके शातिर चाचा की हत्या का आरोप लगता है और उसे जेल भेज दिया जाता है। सुहाना, जो फिल्मकार बनाने की राह पर है, अपनी बहन को हर हाल में न्याय दिलाना चाहती है, लेकिन उसकी टक्कर अपनी सौतेली माँ काला से होती है, जिसने अपनी ही शैतानी साजिशें रची हैं। और जब तीन और चालबाज आइटम गर्ल्स-नर्गिस, डिजिटल डॉली और डेजी को सुनहरे केस में चश्मदीद बनाया जाता है तो मामला और भी उलझ जाता है। खौफनाक बलात्कार, एक बेरहम ब्लैमेलर, एक जालिम बॉयफ्रेंड, कुछ ज्यादा ही जाननेवाला एक सनकी पत्रकार और एक घाघ पुलिसवाले के घालमेल से बना मन को झकझोर देनेवाला वह मनोवैज्ञानिक थ्रिलर, जो आपको आखिर तक अपने चंगुल से निकलने नहीं देगा। शो बिजनेस के स्याह पहलू पर एक जबरदस्त, मनोरंजक कहानी 'आइटम गर्ल' पल भर के लिए भी सुस्त नहीं पड़ती। 'विचित्र किरदारों से भरी परेशान कर देनेवाली दुनिया। यह 'आइटम गर्ल' महज एक आइटम नहीं है। यह फीचर फिल्म का दम रखती है।' -हंसल मेहता बॉलीवुड पर अपनी दूसरी किताब में ऋचा लखेड़ा ग्लैमर की मोहक दुनिया की अँधेरी गलियों की पड़ताल करती हैं। -इरफान खान