Publisher's Synopsis
चारतत्व-बुद्ध चार महासत्यों के नाम से चार तत्व का उपदेश देते थे। पहला सत्य यह है कि संसार में दुख विद्यमान है। जन्म, मरण, व्याधि, वृद्धि, संयोग, वियोग और प्रत्येक प्रवृत्ति में दुख है। दूसरा सत्य यह है कि दुख श्राप ही श्राप नहीं होता, बल्कि उसके पाने का कई कारण होता है। जब तक कारण का यथार्थ ज्ञान न होगा, तब तक दुख की निवृति न होगी। तीसरा सत्य यह है कि दुखों का अंत हो सकता है। दुख के कारणों को नष्ट कर दो, दुख स्वतः नष्ट हो जाएगा। चौथा सत्य यह है कि अष्टांग मार्ग है, जिनके अवलंबन से दुख का अंत हो जाता है।