Publisher's Synopsis
सत्ता के लिए सदैव संघर्ष होते रहे। जब राजा कमजोर हो जाता है, उसके चारों और उसके लालची, महत्वाकांक्षी चाटुकार या रिश्तेदार उसको घेर लेते हैं और अपने लाभ के लिए वह प्रजा पर विभिन्न तरह अत्याचार करते हैं, उनका शोषण करते हैं। ऐसी परिस्थिति में किसी नायक को इन सब से मुक्ति दिलाने के लिए आगे आना पड़ता है, उसे कष्ट भी सहन करने पड़ते हैं, अंततः सत्य की जीत होती है। इसी परिपेक्ष में उत्तराखंड में न्याय के देवता कहे जाने वाले स्थानीय महानायक गोलू देवता,गोरिया की कहानी प्रसिद्ध है । उसी कहानी को उपन्यास का रूप देते हुए यह जीवन गाथा लिखी गई है। जो भेदभाव, छुआछूत, ऊंच-नीच आदि को समाप्त करते हुए न्याय का राज्य स्थापित करता है इसीलिए यह नायक पूजनीय बन जाता है।